नमस्ते !
यह शादी ब्याह का मौसम है ! किसी को शादी को जाना है, किसी की शादी तय हुई है ! किसी को लडकेवाले देखने को आ रहे है ! कही पर लड़की देखने जाना है ! हर तरफ इस प्रकार की खुशिया है ! लेकिन इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी है जो खुश नहीं है ! कही पर लड़की की शादी तय नहीं हो पा रही है तो कही पर लड़के की शादी में रूकावटे आ रही है ! उनके दोस्त नाराज है, रिश्तेदार, माँ बाप का सुख चैन चला गया है ! और ऐसे बुरे वक्त पर याद आती है ज्योतिषी की, पंडित की ! बाकि पुरे समय जो लोग ज्योतिष में विश्वास नहीं रखते वो लोग भी उनके चौखट पर आते है ! खैर ! यहाँ पर मै ज्योतिष विवाद पर नहीं लिख रहा हूँ ! यह तो काफी पुरातन विवाद है ! ज्योतिष में विश्वास रखे या नहीं !
यह शादी ब्याह का मौसम है ! किसी को शादी को जाना है, किसी की शादी तय हुई है ! किसी को लडकेवाले देखने को आ रहे है ! कही पर लड़की देखने जाना है ! हर तरफ इस प्रकार की खुशिया है ! लेकिन इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी है जो खुश नहीं है ! कही पर लड़की की शादी तय नहीं हो पा रही है तो कही पर लड़के की शादी में रूकावटे आ रही है ! उनके दोस्त नाराज है, रिश्तेदार, माँ बाप का सुख चैन चला गया है ! और ऐसे बुरे वक्त पर याद आती है ज्योतिषी की, पंडित की ! बाकि पुरे समय जो लोग ज्योतिष में विश्वास नहीं रखते वो लोग भी उनके चौखट पर आते है ! खैर ! यहाँ पर मै ज्योतिष विवाद पर नहीं लिख रहा हूँ ! यह तो काफी पुरातन विवाद है ! ज्योतिष में विश्वास रखे या नहीं !
ऐसाही एक जातक (Client) नोवेम्बर २०११ में मेरे ऑफिस में आया ! वह उसकी भांजी की कुंडली लेकर आया था ! 2-3 साल से वह शादी तय करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन अबतक उस लड़की की शादी तय नहीं हुई थी ! क्या वजह थी इसकी ! आइये, इस वजह को तलाशते है और कब शादी होगी वह भी देखते है !
इस लड़की की जन्म कुंडली कृष्णमूर्ति पद्धति की है जो बाजु मी दी है आप उसपर क्लिक करके देख सकते है. गोपनीयता की वजह से मैंने उस लड़की का नाम हटा दिया है.
इस कुंडली को १९९३ से रहू की महादशा थी ! वह दिसम्बर २०११ में ख़त्म होने वाली थी !इस लड़की की जन्म कुंडली कृष्णमूर्ति पद्धति की है जो बाजु मी दी है आप उसपर क्लिक करके देख सकते है. गोपनीयता की वजह से मैंने उस लड़की का नाम हटा दिया है.
राहू - बुध, रवि , शनि के दृष्टी में है ! बुध, रवि छटे भाव के बलवान कार्येश है ! शनि दशम भाव में, व्ययेश और लग्नेश है ! बुध शुक्र के नक्षत्र में, शुक्र ४ ९ के कार्येश, रवि और शनि केतु के नक्षत्र में, केतु ७, केतु का नक्षत्र स्वामी शुक्र है और वह रवि की राशी में. वैसे रवि सप्तम भाव का कमजोर कार्येश है लेकिन पूरी महादशा ख़तम होने को आई शादी नहीं हुई इसका मतलब रवि कुछ काम का नहीं है !
जनवरी से गुरु की महादशा शुरू हो रही है ! गुरु तृतीय भाव में, लाभेश और द्वितीयेश है ! गुरु चन्द्रमा के नक्षत्र में, चन्द्र सप्तम भाव और छटे भाव का कार्येश है ! चन्द्र छटे भाव से जादा सप्तम भाव का बलवान कार्येश है ! इसलिए इस महादशा में शादी जरुर होगी ! पहली अंतर्दशा गुरुकिही है !
कुलमिलाके इस कुंडली का सुक्ष्म निरिक्षण करने के बाद मैंने उस जातक को कहा की ' इस लड़की की शादी दिसम्बर के बाद ४ मार्च से पहले तय हो जाएगी !
इसके बाद दिसम्बर गया, जनवरी, फरवरी और २ मार्च को वही आदमी मेरे ऑफिस में सुबह सुबह आया और बोला "जैसे आपने बताया था वैसे ही हुआ, मेरी भांजी की शादी १ मार्च को तय हुई. इसी बात को बताने के लिए मै आया हूँ ! धन्यवाद् !
आपका
नानासाहेब
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